हनुमान चालीसा से सीखें
हनुमान चालीसा से सीखें श्री गुरु चरण सरोज रज, निज मनु मुकुर सुधारि। बरनौं रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि। Meaning: 1 पवित्र गुरु के चरण-कमलों के पराग से अपने मन के दर्पण को स्वच्छ करके। 2. मैं रघुवर की शुद्ध कीर्ति का वर्णन करता हूँ, जो जीवन के चारों फलों को प्रदान करने वाली है। Lesson : 1. विनम्रता और स्पष्ट मानसिकता के साथ शुरुआत करें। पवित्र गुरु के चरण-कमलों के पराग से अपने मन के दर्पण को स्वच्छ करना एक आध्यात्मिक यात्रा का प्रारंभिक और महत्वपूर्ण कदम है। गुरु, जो ज्ञान, प्रेम, और करुणा के अवतार होते हैं, अपने शिष्य के मन और आत्मा को जाग्रत करते हैं। उनके चरण-कमल का पराग, अर्थात् उनके सान्निध्य और उपदेशों से प्राप्त होने वाली पवित्र ऊर्जा, हमारे मन के दर्पण पर जमीं माया और अज्ञानता की धूल को साफ करती है। जब हम अपने मन को गुरु के चरणों में समर्पित करते हैं, तो हमारे भीतर शुद्धता और स्पष्टता का संचार होता है। यह शुद्धता न केवल हमारे विचारों को स्वच्छ करती है, बल्कि हमारे जीवन के उद्देश्य को भी स्पष्ट करती है। गुरु की कृपा से हमें आत्म-साक्षात्कार और जीवन के...