"व्यक्तित्व वहीं से शुरू होता है जहां तुलना नहीं  होती "




खुश रहने का सबसे बेहतर तरीका है किसी से अपनी तुलना न करना, ईश्वर ने हर किसी को यूनिक बनाया है हर किसी व्यक्ति की अपनी खुद की विशेषता है एक वैल्यू और इमेज हैं उसी के अनुसार उसको हर व्यक्ति की आय, श्रेणी, घर व् वेल्थ अलग अलग हो सकती हैं यदि व् दुसरो से तुलना करेगा तो कही न कही उसे कमी अपने अंदर कमी देखेगी पर यदि वो सिर्फ अपने को देखेगा तो वह स्वयं बेहतर ही होगा, हम क्या बेहतर कर सकते हैं ये सोचे जैसे : 

1. अपने ऊपर ध्यान केंद्रित करे बजाय दुसरो को देखने और तुलना करने में जो समय बर्बाद करते हैं सोचते हैं की वो हमसे अच्छा हैं यदि स्वयं का ध्यान रखेंगे तो हमेशा खुश रहेंगे 

2. जो हैं जैसा हैं उसे स्वीकार करे, हम किसी को नहीं बदल सकते पर यदि हम किसी का विरोद करे झगड़ा करे या उसे बदलने की कोशिश करे तो हम न तो खुश रह सकते हैं और न ही किसी को बदल सकते हैं इसलिए बेहतर हैं स्वीकार कर। 

3. अपने जो पहले किया हैं उस अतीत से सीखे ,की अपने पहले अपने कितना संघर्ष किया हैं कोनसी परिस्थिति से बहार आये हैं वो दिन याद रखे और उससे सीखे शयद बेहतर स्थिति में होन।  

4. आज कल सोशल मीडिया भी ऐसा माध्यम हैं जहा वास्तविक कम अर्टिफिकल लाइफ को ज्यादा हाईलाइट किया जाता हैं ये भी तुलना करने से व्यक्ति को लगता हैं की वह कुछ नहीं कर रहा हैं हम तुलना करते हैं यदि तुलना करना छोड़ दो वो भी एक नाखुशी का कारण होता है। 

5. आप जहा हैं वो लाइफ का डेस्टिनेशन नहीं हैं यदि वर्तमान में खुश नहीं हैं या आप अभी भी कार्य कर रहे हैं अभी भी आपका संघर्ष चालू हैं तो दुखी होने का कोई कारण नहीं हैं क्योकि ये सिर्फ एक रास्ता हैं आज यदि हम दुखी हैं तो उस मार्ग से आगे भी होंगे और खुश भी होंग। 

6. आपके पास जो हैं उसका आभार माने  क्योकि आप जहा हैं वो भी लोगो का एक सपना होता हैं कभी भी हमारे पास पर्याप्त नहीं होता इसलिए संतुष्टि ही ख़ुशी का एक साधन हैं। 

7. डर के आगे जीत हैं निर्णय ले और आगे बढे, शायद ख़ुशी का बेहतर मार्ग यही हो यहाँ हम निर्णय लेना बंद करते हैं डर जाते हैं तो दुःख का दायरा जगह बनाने लगता हैं जो हमें ख़ुशी नहीं देता। 

8. तुलना हमेशा ऊपर की और दिखाती हैं क्योकि हम जब तुलना करते हैं तो स्वयं हो वह पाते हैं पर ये ख़ुशी का बेहतर तरीका हैं पर सुझाव आपका होना चाइये की आप तिलना से खुश होते हैं या दुखी। 


में बेहतर हु आज,कल से क्योकि में तुलना से दुखी नहीं होती कुछ सीखकर आगे बढ़ती हु।  




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